हे रोम रोम मे बसने वाले राम

हे रोम रोम मे बसने वाले राम,जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,मे तुझ से क्या माँगू । आप का बंधन तोड़ चुकी हूँ ,तुझ पर सब कुछ छोड़ चुकी हूँ ।नाथ मेरे मै, क्यूं कुछ सोचूं,तू जाने तेरा काम॥जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,मे तुझ से क्या माँगू ।हे रोम रोम मे बसने वाले राम ॥ हे… Continue reading हे रोम रोम मे बसने वाले राम

शर्मा के यूँ न देख अदा के मक़ाम से

शर्मा के यूँ न देख अदा के मक़ाम सेअब बात बढ़ चुकी है हया के मक़ाम से तस्वीर खींच ली है तिरे शोख़ हुस्न कीमेरी नज़र ने आज ख़ता के मक़ाम से दुनिया को भूल कर मिरी बाँहों में झूल जाआवाज़ दे रहा हूँ वफ़ा के मक़ाम से दिल के मुआ’मले में नतीजे की फ़िक्र… Continue reading शर्मा के यूँ न देख अदा के मक़ाम से

क्यों लायो सईया पान

क्यू लायो सैया पान मेरे होठ तो युही लालक्यू लायो सैया पान मेरे होठ तो युही लालपिया होठ है तेरे काले ले तुही ये पान चबा लेऔर अपना बड़ा ले शान मेरे होठ तो युही लालक्यू लायो सैया पान मेरे होठ तो युही लालकाजर बिंदी मांग और मेहंदीकंगना झुमका साडी सबसे अच्छीसबसे मेहंगी सैया प्रीत… Continue reading क्यों लायो सईया पान

हर हसीं चीज़ का मैं तलब्गार हूँ 

हर हसीं चीज़ का मैं तलब्गार हूँ -२ रस का फूलों का गीतों का बीमार हूँ -२ हर हसीं चीज़ का मैं तलब्गार हूँसारा गाँव मुझे रसिया कहे -२जो भी देखे मन्बसिया कहेहाय रे जो भी देखे मन्बसिया कहेसब की नज़रों का एक मैं ही दीदार हूँरस का फूलों का गीतों का बीमार हूँ …{कोई… Continue reading हर हसीं चीज़ का मैं तलब्गार हूँ 

हुस्न है या कोई क़यामत है ख्वाब देखा है

Husn hai ya koi kayamat haiKhawab dekha hai ya hakikat haiBebasi hai ke pa nahi sakte hayeHumse thodi si dur jannat haiHumse thodi si dur jannat hai Kyu na milne ki koshihse kar lePuri tan man ki koshihse kar leKoi takat na jinhe tod sake hayeAao hum aisi bandishe kar leAao hum aisi bandishe kar… Continue reading हुस्न है या कोई क़यामत है ख्वाब देखा है

दूर है किनारा

दूर है किनारा… दूर है किनारा, गहरी नदी की धाराटूटी तेरी नय्या, माझी, खेते जाओ रेये नय्या खेते जाओ रेदूर है किनारा,हो आँधी कभी, तूफ़ाँ कभी, कभी मझधार ओ,माझी रे, माझी रे आँधी कभी, तूफ़ाँ कभी,कभी मझधार जीत है उसी की जिसने मानी नहीं हार माझी,खेते जाओ रे दूर है किनारा, हो थोड़े कोई, ज़्यादा… Continue reading दूर है किनारा

साजना है मुझे सजना के लिए

ल..ल..ल..ल..ल..ला.. म्हम्म..हम्म..हम्म..हम्म..हम्म.. ल..ल..ल..ल..ल..ला.. म्हम्म..हम्म..हम्म..हम्म..हम्म सजना है मुझे सजना के लिए सजना है मुझे सजना के लिए ज़रा उलझी, लटें संवार लूँ हर अंग का, रंग निखार लूँ के सजना है मुझे सजना के लिए..सजना है मुझे सजना के लिए पानी पड़े तन पे तो शोला निकले जाने कैसी अगन में बदन जले पानी पड़े तन… Continue reading साजना है मुझे सजना के लिए

बेदर्दी बालमा तुझको मेरा मन याद करता है

बेदर्दी बालमा तुझको मेरा मन याद करता हैबरसता है जो आँखों से वो सावन याद करता हैकभी हम साथ गुज़रे जिन सजीली रहगुज़ारों सेफ़िज़ा के भेस में गिरते हैं अब पत्ते चनारों सेये राहें याद करती हैं ये गुलशन याद करता हैकोई झोंका हवा का जब मेरा आँचल उड़ाता हैगुमाँ होता है जैसे तू मेरा… Continue reading बेदर्दी बालमा तुझको मेरा मन याद करता है

ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना बस इतनी शिकायत है

ऐ नर्गिस-ए-मस्तानाबस इतनी शिकायत हैबस इतनी शिकायत हैसमझा हमें बेगानाबस इतनी शिकायत हैबस इतनी शिकायत हैऐ नर्गिस-ए-मस्तानाहर राह पर कतरायेहर मोड़ पर घबरायेमुँह फेर लिया है तुमनेहम जब भी नज़र आयेमुँह फेर लिया है तुमनेहम जब भी नज़र आयेहो……….हमको, नहीं पहचानाबस इतनी शिकायत हैबस इतनी शिकायत हैऐ नर्गिस-ए-मस्तानाहो जाते हो बरहम भीबन जाते हो हमदम… Continue reading ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना बस इतनी शिकायत है

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