ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना
बस इतनी शिकायत है
बस इतनी शिकायत है
समझा हमें बेगाना
बस इतनी शिकायत है
बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना
हर राह पर कतराये
हर मोड़ पर घबराये
मुँह फेर लिया है तुमने
हम जब भी नज़र आये
मुँह फेर लिया है तुमने
हम जब भी नज़र आये
हो..........हमको, नहीं पहचाना
बस इतनी शिकायत है
बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना
हो जाते हो बरहम भी
बन जाते हो हमदम भी
ऐ साक़ी-ए-मैख़ाना
शोला भी हो शबनम भी
ऐ साक़ी-ए-मैख़ाना
शोला भी हो शबनम भी
हाये..........ख़ाली मेरा पैमाना
बस इतनी शिकायत है
बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना
हर रंग क़यामत है
हर ढ़ंग शरारत है
दिल तोड़ के चल देना
ये हुस्न की आदत है
दिल तोड़ के चल देना
ये हुस्न की आदत है
हाये..........आता नहीं बहलाना
बस इतनी शिकायत है
बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना
बस इतनी शिकायत है
बस इतनी शिकायत है
समझा हमें बेगाना
बस इतनी शिकायत है
बस इतनी शिकायत है
ऐ नर्गिस-ए-मस्ताना
Ai nargis-e-mastaana, bas itani shikaayat hai
Samajha hamen begaana, bas itani shikaayat hai
Har raah par kataraaye, har mod par ghabaraaye
Munh fer liya hai tumane, ham jab bhi najr aye
Ham ko nahin pahachaana, bas itani shikaayat hai
Ho jaate ho baraham bhi, ban jaate ho hamadam bhi
Ai saaki-e-mayakhaana, shola bhi ho, shabanam bhi
Khaali mera paimaana, bas itani shikaayat hai
Har rng kayaamat hai, har dhng sharaarat hai
Dil tod ke chal dena, ye husn ki adat hai
Ata nahin bahalaana, bas itani shikaayat hai