अजी रूठ कर अब कहां जाइएगा, जहां जाइएगा हमें पाइएगा
अजी रूठ कर अब कहां जाइएगा, जहां जाइएगा हमें पाइएगा
निगाहों में छुपकर दिखाओ तो जानें
ख़यालों में भी तुम न आओ तो जानें
अजी लाख परदे में छुप जाइयेगा
नज़र आइयेगा नज़र आइयेगा
जो दिल में हैं होठों पे लाना भी मुश्किल
मगर उसको दिल में छुपाना भी मुश्किल
नज़र की ज़ुबाँ को समझ जाइयेगा
समझ कर ज़रा गौर फ़रमाइयेगा
ये कैसा नशा हैं ये कैसा असर हैं
न काबू में दिल हैं न बस में जिगर हैं
ज़रा होश आ ले फिर जाइयेगा
ठहर जाइयेगा ठहर जाइयेगा
Aji ruthhakar ab kahaan jaaiyega
Jahaan jaaiyega, hamen paaiyega
Nigaahon se chhupakar dikhaao to jaane
Khyaalon men bhi tum na ao to jaane
Aji laakh paradon men chhup jaaiyega
Najr aiyega, najr aiyega
Jo dil men hai hothhon pe laana bhi mushkil
Magar usako dil men chhupaana bhi mushkil
Najr ki jubaan se samajh jaaiyega
Samajhakar jra gaur faramaaiyega
Ye kaisa nasha hai, ye kaisa asar hai
Na kaabu men dil hai, na bas men najr hai
Jra hosh a le, chale jaaiyega
Thhahar jaaiyega, thhahar jaaiyega